Thursday, July 11, 2013

आदमी और मौत 1

आदमी मौत से जब प्यार करने लगता है
मौत हंस देती है संवाद छोड़ देती है
अनुभवों के विशाल संचय से 
खोज कर लेती है बस याद जोड़ देती है 

दोष औरों में देख सकते हो 
कितने शीशों को तोड़ सकते हो  
आदमी 'मै' में जी नहीं सकता 
कितने औरों को जोड़ सकते हो 

रोष क्यों उनपे आप करते हैं 
उनको जीना है यार जीने दो
आप कांटो की सेज पर सोओ
उनको फूलों के हार लेने दो 
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